HOLI & FAAG / Dulhandi 2024: जाने दहन का मुहूर्त | पूजा विधि | इतिहास | सावधानियां | होली का सही अर्थ | Festivals | India | The Amit Gahlyan
सबसे पहले तो THE AMIT GAHLYAN की तरफ से आप सभी को होली और फाग की सभी को शुभकामनाएं |
होली & फाग/दुल्हैंडी भारतीय कैलेंडर के सबसे रंगीन और जीवंत त्योहारों में से एक, जो भाईचारे, प्रेम और उमंग का प्रतीक है। 2024 में, होली का त्योहार 25 मार्च को मनाया जाएगा, जिसकी शुरुआत होलिका दहन के साथ 24 मार्च की शाम को होगी।
होलिका दहन का मुहूर्त 23:13 से 24:27+ तक है, जिसमें लोग अपनी बुराइयों और नकारात्मकता को जलाकर नई शुरुआत का संकल्प लेते हैं।
होली की पूजा विधि में विशेष सामग्री जैसे गुलाल, फूल, फल, मिठाई और पानी शामिल होते हैं। पूजा के दौरान, भक्त भगवान विष्णु, श्री कृष्ण और राधा की आराधना करते हैं और उन्हें फूल, फल, मिठाई और पानी अर्पित करते हैं। इसके बाद, गुलाल, अक्षत, हल्दी, चंदन और रोली को मिलाकर तिलक बनाया जाता है और भगवान की मूर्तियों या चित्रों पर लगाया जाता है, जो सुरक्षा और सौभाग्य का प्रतीक है।
होली का इतिहास भक्त प्रह्लाद और उनके पिता हिरण्यकश्यप की कथा से जुड़ा है, जहां प्रह्लाद की भक्ति और विश्वास ने उन्हें होलिका की अग्नि से बचाया। यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है और लोगों को अपने अहंकार, नकारात्मकता और बुराई को जलाकर एक नई शुरुआत करने का संदेश देता है।
होली मनाने के दौरान कुछ सावधानियां भी बरतनी चाहिए, जैसे कि प्राकृतिक रंगों का उपयोग करना, पानी की बर्बादी से बचना और एक-दूसरे के साथ सम्मान के साथ व्यवहार करना। इसके अलावा, होली के दिन सुरक्षा के लिए आंखों और त्वचा की रक्षा के लिए उपाय करना भी महत्वपूर्ण है।
होली का सही अर्थ : होली का त्योहार रंगों का उत्सव है, ना कि शराब पीने का और किसी के साथ त्योहार की आड़ में बत्तमीजी करने का, बल्कि यह एकता, समरसता और खुशियों का भी प्रतीक है। यह त्योहार हमें याद दिलाता है कि जीवन में रंगों की विविधता ही हमारी संस्कृति की सुंदरता है। होली के इस पावन अवसर पर, आइए हम सभी एक साथ मिलकर इस त्योहार को सामूहिक आनंद और सद्भावना के साथ मनाएं।
Comments
Post a Comment